26 जनवरी गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
26 जनवरी गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं : 26 जनवरी 2022 को भारत में 73वाँ गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाइयां..!! इस दिन पूरा देश देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत होता है।
इसी शुभ अवसर पर आप Republic Day Quotes, SMS & Wishes, 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं के सहारे अपने मित्रो और रिश्तेदारों को विश कर सकते है। इसलिए हम 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अनमोल वचन को शेयर कर रहे है।
Contents
26 January Wishes
गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता हैं। भारत की आज़ादी के बाद 26 जनवरी 1950 को भारत पूर्ण गणतंत्रिक देश बना। हिंदुस्तान वासियों के लिए एक संविधान लागू हुआ जिससे भारत में कानून का राज कायम हुआ और जनता को मौलिक अधिकार प्राप्त हुए। आइये जानते हैं गणतंत्र दिवस पर देशभक्ति अनमोल विचार – शायरी (Inspirational Quotes On Republic Day Hindi)
Happy Republic Day 2022 Wishes
ऐ बन्दे !
ना हिन्दू बन, ना मुस्लिम,
न भ्रष्टाचार का गुलाम,
बस एक इंसान बन
कुछ ऐसे कर्म कर,
कि खुद से कोई शर्म ना हो!!
इतना सुन्दर जीवन दिया हमें
कई लोगो की कुर्बानी ने
फैशन ने अंधा कर दिया हमें
जोश भरी जवानी में
क्या समझेंगे हम सौगाद मिले इस आजादी का
कभी सहा नहीं दर्द हमने गुलामी का!!
मुकुट हिमालय
हृदय में तिरंगा
आँचल में गंगा लायी है
सब पुण्य, कला और
रत्न लुटाने देखो
भारत माता आयी है…..
भारत माता की जय…
देशभक्तों के बलिदान से
स्वतन्त्र हुए हैं हम
कोई पूछे कौन हो तो
गर्व से कहेंगे भारतीय हैं हम
आज सलाम है उन वीरों को
जिनके कारण ये दिन आता है
वो माँ भी खुशनसीब होती है
बलिदान जिसके बच्चों का देश के काम आता है
नहीं सिर्फ जशन मनाना,
नहीं सिर्फ झंडे लहराना,
ये काफी नहीं है वतन पर.
यादों को नहीं भुलाना,
जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना,
खुदा के लिए नहीं,
ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना
भी तक मर के देखा बेवफा सनम के लिए
दुपट्टा भी ना मिला कफ़न के लिए
एक बार मरकर देखो वतन के लिए
तिरंगा मिलेगा कफ़न के लिए
ये बात हवाओं को बताये रखना
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना
लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना
चलो फिर से खुद को जगाते हैं
अनुशासन का डंडा फिर से घुमाते हैं
सुनहरा रंग है गणतंत्र का शहीदों के लहू से
ऐसे शहीदों को हम सब सर झुकाते हैं
चढ़ गए जो हंसकर सूली
खायी जिन्होंने सीने पर गोली
हम उनको प्रणाम करते हैं
जो मिट गए देश पर
हम उनको सलाम करते हैं
बचपन का वो भी एक दौर था
गणतंत्र में भी ख़ुशी का शौर था
ना जाने क्यूँ मैं इतना बड़ा हो गया
इंसानियत में मज़हबी बैर हो गया!!
वीरों के बलिदान की कहानी हैं ये
माँ के कुर्बान लालो की निशानी हैं ये
यूँ लड़ लड़ कर इसे तबाह ना करना
देश हैं कीमती
उसे धर्म के नाम पर नीलाम ना करना!!
ना जियों धर्म के नाम पर
ना मरो धर्म के नाम पर
इंसानियत ही हैं धर्म वतन का
बस जियों वतन के नाम पर
तैरना है तो समंदर में तैरो,
नदी नालों में क्या रखा है,
प्यार करना है तो वतन से करो,
इन बेवफ़ा लोगों में क्या रखा है।
गणतंत्रदिवसकीहार्दिकशुभकामनाएं
खुशनसीब है वो जो वतन पर मिट जाते है,
मर कर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पर मिटने वालों
तुम्हारी हर साँस में बसता तिरंगे का नसीब है
गणतंत्रदिवसकीहार्दिकशुभकामनाएं
ये आन तिरंगा है,ये शान तिरंगा है,
अरमान तिरंगा है,अभिमान तिरंगा है,
मेरी जान तिंरगा है!!
कोई हस्ती कोई मस्ती कोई चाह पे मरता है
कोई नफरत कोई मोहब्बत कोई लगाव पे मरता है
यह देश है उन दीवानों का यहां
हर बंदा अपने हिंदुस्तान पे मरता!!
Happy Indipe
ऐ मेरे देश तूू यूँ ही आजाद रहे, तेरा ये अधिकार रहे, तेरी इस आजादी पर, मेरे जैसे लाखों जान कुर्बान रहे।।
वतन हमारी शान है, वतन हमारा मान है, हम उस देश के वासी है, जिसका नाम हिंदुस्तान है।।
कांटो के बीच फूल खिलाएं, धरती को हम स्वर्ग बनाएं, आओ सबको गले लगाएं, मिल कर गणतंत्र दिवस मनाएं।।
तिरंगा लहराएगा अब नीले आसमान पर, देश का नाम होगा सबकी जुबान पर,
आँख जो उठाएगा कोई हमारे हिंदुस्तान पर, ख़त्म कर देंगे उसको या खेलेंगे अपनी जान पर।।
कुछ कर गुजरने की गर तमन्ना उठती हो दिल में,
भारत माँ का नाम सजाओ दुनिया की महफिल में।
जमाने भर में मिलते हैं आशिक कई,
मगर वतन से खुबसूरत कोई सनम नही होता।
जिसे सींचा है लहू से वो यूं खो नहीं सकती,
सियासत चाह कर भी विष के बीज हरगिज बो नहीं सकती।
वतन के नाम पर जीना वतन के नाम मर जाना,
शहादत से बड़ी कोई इबादत हो नहीं सकती।
मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए। बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
शहीदों का सपना जब सच हुआ
हिंदुस्तान तब स्वतंत्र हुआ
आओ सलाम करें उन वीरों को
जिनकी वजह से भारत गणतंत्र हुआ।
जब तक जिंदा रहूं, इस मातृभूमि के लिए, और जब मरूं तो तिरंगे का कफन चाहिए।
खून से खेलेंगे होली, अगर वतन मुश्किल में है। सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।
देश की आजादी से बड़ी कोई ख्वाहिश नहीं है, देश के लिए जिंदा रहूं खुद से जंग यही है,
तिरंगा सबसे ऊंचा रहे इस जहान में हमारा, मेरी पहली और आखिरी ख्वाहिश यही है।।
इस दिन के लिए वीरो ने अपना खून बहाया है,
झूम उठो देशवासियों गणतंत्र दिवस फिर आया है
Ab Tumhare Hawale Watan Saathiyo
Aao jhuk kar salaam kare unhe jinke hisse mein yeh mukaam aata hai … kis kadhar khush naseeb hai woh log … khoon jinka watan ke kaam aata hai
Jis desh mein pehda hue ho tum, us desh ke agar tum bakht nahi … nahi piya doodh maa ka tumne, aur baap ka tum mein rakht nahi
Maut ke mandiyon mein ja-jakar apne beto ki boliyan di hai … desh ne jab bhi ek sar manga, humne bhar-bharke jholiyan di hai
Khel ke maidan mein jeetna bhi koi jeetna hai … asli jeetna toh jung ke maidan mein hota hai … us samay maaro ya maare jao
Na jagde hum apas mein, jagadkar toot jayenge … tumhara aaina hum hai, humara aaina tum ho
Desh Bhakti Songs-देशभक्ति गीत
26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर देशभक्ति गीतों की सूची लेकर आए हैं, जिन्हें सुनने के बाद आपकी आंखें नम हो जाएंगी। और ये देशभक्ति गीत आपके हर विचार के बारे में बात करेंगे जो कहता है कि आप भारतीय हैं और आपको इस बात पर गर्व है।
हिंदी सिनेमा जगत में शुरू से ही देशभक्ति पर फिल्में बनी हैं। इन फिल्मों के देशभक्ति गीत भी शानदार हैं। संगीत एक ऐसा माध्यम है जो श्रोता के लिए अन्य भावनाओं को पैदा करने की क्षमता रखता है। आइए नजर डालते हैं कुछ ऐसे ही गानों पर।
Ab Tumhare Hawaale Watan Saathiyo Lyrics
रचनाकार: कैफी आज़मी, फिल्म – हक़ीकत
कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथीयों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों …
सांस थमती गई, नब्ज जमती गई,
फिर भी बढ़ते कदम को ना रुकने दिया
कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते मरते रहा बाँकपन साथीयों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों …
जिन्दा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज आती नहीं
हुस्न और इश्क दोनो को रुसवा करे
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
बाँध लो अपने सर पर कफ़न साथीयों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों …
राह कुर्बानियों की ना वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नये काफ़िले
फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है
जिन्दगी मौत से मिल रही है गले
आज धरती बनी है दुल्हन साथीयों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों …
खेंच दो अपने खूँ से जमीं पर लकीर
इस तरफ आने पाये ना रावण कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छूने पाये ना सीता का दामन कोई
राम भी तुम तुम्हीं लक्ष्मण साथीयों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों …
Mere Desh ki Dharti Lyrics
रचनाकार – गुलशन बावरा, फिल्म – उपकार
मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती
बैलों के गले में जब घुँघरू जीवन का राग सुनाते हैं
ग़म कोस दूर हो जाता है खुशियों के कंवल मुसकाते हैं
सुन के रहट की आवाज़ें यों लगे कहीं शहनाई बजे
आते ही मस्त बहारों के दुल्हन की तरह हर खेत सजे
मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती
जब चलते हैं इस धरती पे हल ममता अँगड़ाइयाँ लेती है
क्यों ना पूजे इस माटी को जो जीवन का सुख देती है
इस धरती पे जिसने जनम लिया उसने ही पाया प्यार तेरा
यहाँ अपना पराया कोई नही हैं सब पे माँ उपकार तेरा
मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती
ये बाग़ हैं गौतम नानक का खिलते हैं अमन के फूल यहाँ
गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ
रंग हरा हरिसिंह नलवे से रंग लाल है लाल बहादुर से
रंग बना बसंती भगतसिंह रंग अमन का वीर जवाहर से
मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती
Ay Watan Ay Watan Lyrics
रचनाकार – प्रेम धवन, फिल्म – शहीद
तू ना रोना, कि तू है भगत सिंह की माँ
मर के भी लाल तेरा मरेगा नहीं
डोली चढ़के तो लाते है दुल्हन सभी
हँसके हर कोई फाँसी चढ़ेगा नहीं
जलते भी गये कहते भी गये
आज़ादी के परवाने
जीना तो उसी का जीना है
जो मरना देश पर जाने
जब शहीदों की डोली उठे धूम से
देशवालों तुम आँसू बहाना नहीं
पर मनाओ जब आज़ाद भारत का दिन
उस घड़ी तुम हमें भूल जाना नहीं
ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम
तेरी राहों में जां तक लुटा जायेंगे
फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम
भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन
कोई पंजाब से, कोई महाराष्ट्र से
कोई यूपी से है, कोई बंगाल से
तेरी पूजा की थाली में लाये हैं हम
फूल हर रंग के, आज हर डाल से
नाम कुछ भी सही पर लगन एक है
जोत से जोत दिल की जगा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन …
तेरी जानिब उठी जो कहर की नज़र
उस नज़र को झुका के ही दम लेंगे हम
तेरी धरती पे है जो कदम ग़ैर का
उस कदम का निशां तक मिटा देंगे हम
जो भी दीवार आयेगी अब सामने
ठोकरों से उसे हम गिरा जायेंगे
Saare Jahaa se Achhaa Lyrics
रचनाकार – मुहम्मद इक़बाल
सारे जहाँ से अच्छा
हिंदुस्तान हमारा
हम बुलबुलें हैं उसकी
वो गुलसिताँ हमारा।
परबत वो सबसे ऊँचा
हमसाया आसमाँ का
वो संतरी हमारा
वो पासबाँ हमारा।
गोदी में खेलती हैं
जिसकी हज़ारों नदियाँ
गुलशन है जिनके दम से
रश्क-ए-जिनाँ हमारा।
मज़हब नहीं सिखाता
आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम वतन है
हिंदुस्तान हमारा।
Har Karam Apna Krenge Lyrics
रचनाकार: आनंद बक्षी, फिल्म – करमा
ऐ मुहब्बत तेरी दास्तां के लिए
मैं हूँ तैयार हर इम्तिहां के लिए
जान बुलबुल की है गुलिस्तां के लिए
ऐ मुहब्बत तेरी दास्तां के…
इक शोला हूँ मैं इक बिजली हूँ मैं
आग रखकर हथेली पे निकली हूँ मैं
दुश्मनों के हर एक आशियाँ के लिए
जान बुलबुल की है …
ये ज़माना अभी मुझको जाना नहीं
सिर कटाना है पर सिर झुकाना नहीं
मुझको मरना है अपने हिन्दुस्तां के लिए
जान बुलबुल की है …
हर करम अपना करेंगे -२ ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू
तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तू
हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
और कोई भी कसम कोई भी वादा कुछ नहीं
एक बस तेरी मोहब्बत से ज्यादा कुछ नहीं कुछ नहीं
हम जियेंगे और मरेंगे ऐ सनम तेरे लिए
सबसे पहले तू है तेरे बाद हर एक नाम है
तू मेरा आग़ाज़ था तू ही मेरा अन्जाम है अन्जाम है
हम जिऐंगे और मरेंगे ऐ सनम तेरे लिए
दिल दिया है जां भी …
मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू
तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तू
हर करम अपना करेंगे -२ ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
तू मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू मेरा अभिमान है
ऐ वतन महबूब मेरे तुझपे दिल क़ुर्बान है
हम जिऐंगे या मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे …
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई हमवतन हमनाम हैं
जो करे इनको जुदा मज़हब नहीं इल्जाम है
हम जिऐंगे या मरेंगे …
तेरी गलियों में चलाकर नफ़रतों की गोलियां
लूटते हैं सब लुटेरे दुल्हनों की डोलियां
लुट रहा है आंप वो अपने घरों को लूट कर
खेलते हैं बेखबर अपने लहू से होलीयां
हम जिऐंगे या मरेंगे …
Sarfarosi Ki Tamanna Lyrics
रचनाकार: बिस्मिल अज़ीमाबादी, फिल्म – शहीद भगत सिंह
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है ।
करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफिल मैं है ।
यों खड़ा मक़्तल में कातिल कह रहा है बार-बार
क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है ।
ऐ शहीदे-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार
अब तेरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफिल में है ।
वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमां,
हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है ।
खींच कर लाई है सब को कत्ल होने की उम्मीद,
आशिकों का आज जमघट कूचा-ऐ-कातिल में है ।
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है ।
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