Best Heart touching hindi shayari
Heart touching shayri
Hindi shayri
जो तू है प्यार का बादल तो बार-बार बरस,
न भीग पाउँगा मैं तेरे एक नज़ारे से।
वो हर बार अगर चेहरा बदल कर न आया होता,
धोखा मैंने उस शख्स से यूँ न खाया होता,
रहता अगर याद कर मुझे लौट के आती नहीं,
ज़िन्दगी फिर मैंने तुझे यूं न गंवाया होता।
निगाहें जब मिली उनसे तभी दिल हार बैठा हूँ,
मैं उसपे वारने सब कुछ लिये तैयार बैठा हूँ,
अगर इक बार कह दे वो कि आ जाओ मेरे दिल में,
मैं दुनियाभर की रस्मों को भुलाने को भी बैठा हूँ।
ऐ ज़िन्दगी इतने भी दर्द न दे कि मैं बिखर जाऊं,
ऐ ज़िन्दगी इतने भी ग़म न दे कि ख़ुशी भूल जाऊं,
ऐ ज़िन्दगी इतने भी आँसू न दे कि मैं हँसना भूल जाऊं,
इतने भी इम्तिहान न ले कि मैं हार के जीना भूल जाऊं।
अगर दिल न मिले तो प्यार अधूरा होता है,
चाँदनी के बिना चाँद कब पूरा होता है,
दोस्तों की भूल कर ज़िन्दगी कटती नहीं,
क्यूँकी हर एक फ्रेंड जरूरी होता है।
आहिस्ता चल ऐ ज़िंदगी
कुछ क़र्ज़ चुकाने बाकी हैं,
कुछ दर्द मिटाने बाकी हैं
कुछ फ़र्ज़ निभाने बाकी हैं
हम तो पतझड़ में भी बहार ले आएंगे,
हम गहरी उदासी में भी प्यार ले आएंगे,
दोस्तों आप एक बार दिल से आवाज़ तो दो,
हम तो आपके लिए मौत से भी साँसे उधार ले आएंगे।
दिल से कभी मुझको सदा दे करके तो देखो,
यह रस्म-ए-मोहब्बत अदा करके तो देखो,
रह जायेगी तुम्हारी हर एक बात अधूरी,
तुम खुद को कभी मुझसे जुदा करके तो देखो।
आपकी आहट दिल को बेकरार करती है,
नज़र तलाश आपको बार-बार करती है,
गिला नहीं जो हम हैं इतने दूर आपसे,
हमारी तो जुदाई भी आपसे प्यार करती है।
ज़िन्दगी तुझसे हर एक साँस पे समझौता करूँ,
शौक़ जीने का है मुझको मगर इतना तो नहीं,
रूह को दर्द मिला… दर्द को आँखें न मिली,
तुझको महसूस किया है तुझे देखा तो नहीं।
प्यार में ग़मज़दा न हो जाना,
देख लेना, सजा न हो जाना,
मुश्किलें तो बेशुमार आएँगी,
थक न जाना, जुदा न हो जाना,
एक तुम्हीं को खुदा से मांगे हैं,
तुम ही कहीं बेवफा न हो जाना।
ढूंढ़ तो लेते अपने प्यार को हम,
शहर में भीड़ इतनी भी न थी,
पर रोक दी तलाश हमने,
क्योंकि वो खोये नहीं बदल गए थे।
नज़र नवाज़ नजारों में जी नहीं लगता,
फ़िज़ा गई तो बहारों में जी नहीं लगता,
न पूछ मुझसे तेरे ग़म में क्या गुजरती है,
यही कहूंगा हजारों में जी नहीं लगता।
अगर ये ज़िद है कि मुझसे दुआ सलाम न हो,
तो ऐसी राह से गुज़रो जो राह-ए-आम न हो।सुना तो है कि मोहब्बत पे लोग मरते हैं,
ख़ुदा करे कि मोहब्बत तुम्हारा नाम न हो।बहार-ए-आरिज़-ए-गुल्गूँ तुझे ख़ुदा की क़सम,
वो सुबह मेरे लिए भी कि जिसकी शाम न हो।मेरे सुकूत को नफ़रत से देखने वाले,
यही सुकूत कहीं बाइस-ए-कलाम न हो।इलाही ख़ैर कि उन का सलाम आया है,
यही सलाम कहीं आख़िरी सलाम न हो।जमील उन से तआरूफ़ तो हो गया लेकिन,
अब उनके बाद किसी से दुआ सलाम न हो।
दिल के दरिया में धड़कन की कश्ती है,
ख़्वाबों की दुनिया में यादों की बस्ती है,
मोहब्बत के बाजार में चाहत का सौदा है,
वफ़ा की कीमत से तो बेवफाई सस्ती है
किसी का हाथ थाम के छोड़ना नहीं,
वादा किसी से कर के तोड़ना नहीं,
कोई अगर तोड़ दे दिल आपका तो,
बिना हाथ पैर तोड़े उसे छोड़ना नहीं।
काग़ज़ काग़ज़ हर्फ़ सजाया करता है,
तन्हाई में शहर बसाया करता है,
कैसा पागल शख्स है सारी-सारी रात,
दीवारों को दर्द सुनाया करता है,
रो देता है आप ही अपनी बातों पर,
और फिर खुद को आप हंसाया करता है
मेरे दिल ने जब भी दुआ माँगी है,
तुझे माँगा है तेरी वफ़ा माँगी है,
जिस मोहब्बत को देख के दुनिया को रश्क आये,
तेरे प्यार करने की वो अदा माँगी है।
सर्द रातों में सताती है जुदाई तेरी,
आग बुझती नहीं सीने में लगाई तेरी,
तू तो कहता था बिछड़ के सुकून पा लेंगे,
फिर क्यों रोती है मेरे दर पे तन्हाई तेरी।
तुमने जो दिल के अँधेरे में जलाया था कभी,
वो दिया आज भी सीने में जला रखा है,
देख आ कर दहकते हुए ज़ख्मों की बहार,
मैंने अब तक तेरे गुलशन को सजा रखा है।