
2 line quotes
सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें
आज इंसाँ को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत
~ बशीर बद्र
नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आती
मगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं
~ हसरत मोहानी
उल्टी हो गईं सब तदबीरें, कुछ न दवा ने काम किया
देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया
~ मीर तक़ी मीर
अब के मिलने की शर्त ये होगी
दोनों घड़ियाँ उतार फेंकेंगे
~ नासिर अमरोहवी
अब अपनी हक़ीक़त भी ‘साग़र’ बे-रब्त कहानी लगती है
दुनिया की हक़ीक़त क्या कहिए कुछ याद रही कुछ भूल गए
~ साग़र सिद्दीक़ी
मुश्किल को समझने का वसीला निकल आता
तुम बात तो करते कोई रस्ता निकल आता
~ अम्बर खरबंदा
आग का क्या है पल दो पल में लगती है
बुझते बुझते एक ज़माना लगता है
~ कैफ़ भोपाली
जब प्यार नहीं है तो भुला क्यूँ नहीं देते
ख़त किस लिए रक्खे हैं जला क्यूँ नहीं देते
~ हसरत जयपुरी
ख़्वाबों पर इख़्तियार न यादों पे ज़ोर है
कब ज़िंदगी गुज़ारी है अपने हिसाब में
~ फ़ातिमा हसन
सफ़र का एक नया सिलसिला बनाना है
अब आसमान तलक रास्ता बनाना है
~ शहबाज़ ख़्वाजा